उज्जैन के महाकाल मंदिर में RFID बैंड से भस्म आरती की नई व्यवस्था लागू

श्री महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन में नई व्यवस्था लागू – RFID बैंड से दर्शन और सुरक्षा में होगी सुधार

उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग मंदिर में अब एक नई व्यवस्था लागू की गई है, जो श्रद्धालुओं के लिए भस्म आरती दर्शन को सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाएगी। इस नई व्यवस्था के तहत, श्रद्धालुओं को RFID बैंड का उपयोग करना होगा, ताकि दर्शन में पारदर्शिता और अनुशासन सुनिश्चित किया जा सके। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि इस नई व्यवस्था से श्रद्धालुओं का अनुभव कैसे बेहतर होगा और मंदिर प्रशासन को किन लाभों की उम्मीद है।

RFID बैंड
RFID बैंड

 

महाकाल मंदिर में RFID बैंड प्रणाली: क्या है इसका महत्व?

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने RFID बैंड प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य मंदिर में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को नियंत्रित करना, सुरक्षा को बढ़ाना, और अनधिकृत प्रवेश को रोकना है। इस तकनीकी पहल के तहत, हर श्रद्धालु को एक बैंड दिया जाएगा, जिसमें एक QR कोड होगा, जो श्रद्धालु की पहचान सुनिश्चित करेगा। यह प्रणाली न केवल प्रशासन को एक बेहतर तरीके से संचालन करने में मदद करेगी, बल्कि भस्म आरती दर्शन को एक सुव्यवस्थित और पारदर्शी अनुभव भी बनाएगी।

RFID बैंड का उपयोग कैसे होगा?

अब तक महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश में कोई व्यवस्थित पद्धति नहीं थी, जिससे कई समस्याएं उत्पन्न हो रही थीं। लेकिन RFID बैंड के जरिए श्रद्धालुओं का पंजीकरण और पहचान पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगी। यह बैंड विशेष रूप से भस्म आरती में सम्मिलित होने वाले श्रद्धालुओं को दिया जाएगा। बैंड पर मौजूद QR कोड के माध्यम से काउंटर पर श्रद्धालुओं की पहचान और मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा, और फिर उन्हें दर्शन के लिए तत्काल प्रवेश दिया जाएगा।

नई व्यवस्था के फायदे

1. अनधिकृत प्रवेश पर नियंत्रण:

RFID बैंड के लागू होने से मंदिर में अनधिकृत प्रवेश की संभावना कम हो जाएगी। पहले कई बार देखा गया था कि दलालों के माध्यम से बिना पंजीकरण के श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश कर जाते थे, जिससे भीड़ नियंत्रण में कठिनाई होती थी। अब यह व्यवस्था इससे बचने में मदद करेगी।

2. सुरक्षा में सुधार:

श्री महाकालेश्वर मंदिर के कलेक्टर नीरज सिंह ने इस नई व्यवस्था के लागू होने को मंदिर की सुरक्षा और श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। RFID बैंड से श्रद्धालुओं की जानकारी आसानी से रिकॉर्ड की जा सकती है, जिससे किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।

3. पारदर्शिता और सुविधा:

RFID बैंड के माध्यम से पंजीकरण प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। श्रद्धालुओं को काउंटर पर आसानी से बैंड प्राप्त होगा, और QR कोड से उन्हें मंदिर के विभिन्न प्रवेश द्वारों पर तुरंत सत्यापित किया जा सकेगा। इससे उन्हें एक परेशानी मुक्त अनुभव मिलेगा और इंतजार का समय भी कम होगा।

 

 

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