Narak Chaturdashi 2024: क्या करें और क्या न करे | Roop Chaudas 2024
Narak Chaturdashi 2024, जिसे छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है, इस दिन का उद्देश्य बुराई का अंत करना, आत्मा का शुद्धिकरण और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश कराना है। यह पर्व हमें बुरी आदतों और अंधकार से मुक्त होकर जीवन को रोशनी और सच्चाई से भरने की प्रेरणा देता है। इस दिन कई विशेष परंपराओं का पालन किया जाता है, और कुछ विशेष बातों का ध्यान भी रखना जरूरी होता है।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि नरक चतुर्दशी पर क्या करें और क्या न करें, ताकि इसका शुभ लाभ प्राप्त किया जा सके।
Narak Chaturdashi का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नरक चतुर्दशी का दिन भगवान श्रीकृष्ण और देवी काली ने राक्षस नरकासुर का वध किया था और उसकी कैद से 16,000 कन्याओं को मुक्त कराया था। इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। नरक चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल उबटन लगाने की परंपरा भी है, जिसे ‘अभ्यंग स्नान’ कहते हैं। यह स्नान पापों का अंत करने और शारीरिक, मानसिक शुद्धि का प्रतीक है। इसके साथ ही इस दिन घर को स्वच्छ करने और दीप जलाने की परंपरा है, ताकि नकारात्मक ऊर्जा का नाश हो सके।
Narak Chaturdashi 2024 पर क्या करें
- अभ्यंग स्नान: नरक चतुर्दशी पर सुबह जल्दी उठकर तिल के तेल का उबटन लगाकर स्नान करने का महत्व है। इस उबटन स्नान को अशुभता और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस स्नान से शरीर और आत्मा दोनों शुद्ध होते हैं और पूरे वर्ष सेहत अच्छी रहती है।
- दीपदान करें: शाम के समय घर में दीप जलाने की परंपरा है। इस दिन दीप जलाने से लक्ष्मी और कुबेर का आशीर्वाद प्राप्त होता है। दीप जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और अंधकार दूर होता है।
- पितृ तर्पण: इस दिन पितरों का तर्पण करने से पितृदोष का निवारण होता है। यदि किसी के परिवार में पितृदोष है, तो वे इस दिन तर्पण और पिंडदान कर सकते हैं। यह कार्य अपने पितरों के प्रति सम्मान का प्रतीक है और इससे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- नमक और कड़वे तेल का उबटन: यह माना जाता है कि नरक चतुर्दशी के दिन नमक और कड़वे तेल से उबटन लगाने से शरीर की सारी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। इससे तन और मन को शांति मिलती है और आत्मिक शुद्धि होती है।
- आरती और पूजा करें: इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और यमराज की पूजा करने का भी महत्व है। इस पूजा से जीवन में सकारात्मकता आती है और घर में समृद्धि का वास होता है। श्रीकृष्ण, यमराज और देवी काली की पूजा से सभी प्रकार के भय और कष्ट दूर होते हैं।
- मिठाई और पकवान बनाएँ: इस दिन विशेष मिठाई और पकवान बनाने का रिवाज है। घर में बने व्यंजन न केवल परिवार के लिए खुशियाँ लाते हैं, बल्कि इससे माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलता है।
Narak Chaturdashi पर क्या न करें
- क्रोध और अहंकार: इस दिन क्रोध, अहंकार और द्वेष को त्यागना चाहिए। माना जाता है कि इस दिन अगर किसी से मनमुटाव हो, तो उसे सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए। अहंकार और क्रोध से घर की शांति भंग होती है और नकारात्मक ऊर्जा आती है।
- मांसाहार और मदिरापान: नरक चतुर्दशी पर मांसाहार और मदिरापान से परहेज करना चाहिए। यह दिन आत्मा की शुद्धि और शांति का प्रतीक है, और इन चीजों का सेवन करने से इस पवित्र दिन का महत्व कम हो जाता है।
- देर रात तक जागना: इस दिन खास तौर पर रात में जल्दी सोने का रिवाज है। इससे मानसिक और शारीरिक ऊर्जा संतुलित रहती है और अगले दिन यानी दीपावली की तैयारी के लिए ऊर्जा मिलती है।
- झगड़ा और विवाद: घर में झगड़ा और विवाद से बचना चाहिए। माना जाता है कि इस दिन किए गए विवाद घर की सुख-शांति और समृद्धि में बाधा उत्पन्न करते हैं। इसलिए परिवार के साथ समय बिताएं और सौहार्द्र बनाए रखें।
- सामाजिक और पारिवारिक परंपराओं की अनदेखी: इस दिन परंपराओं का पालन न करना अशुभ माना जाता है। जैसे उबटन स्नान न करना, दीप जलाना भूल जाना या तर्पण न करना। ऐसा करने से इस दिन का पूरा लाभ नहीं मिलता है।
- ध्यान न करना: इस दिन मानसिक शांति के लिए ध्यान करने का विशेष महत्व है। इसलिए दिन के किसी समय कुछ समय के लिए ध्यान में बैठें, ताकि मन की शांति प्राप्त हो सके।
Narak Chaturdashi का पर्व हमारे जीवन में सकारात्मकता लाने और बुराइयों को समाप्त करने का संदेश देता है। इस दिन सभी बुराईयों को छोड़कर अच्छाई के मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए।