वीर अलीजा सरकार अन्नकूट महोत्सव 2024: 1 किलो केसर से श्री हनुमान जी का श्रृंगार और  वितरण

मंदिर में आयोजित अन्नकूट महोत्सव का सबसे खास पहलू था श्री वीर अलीजा सरकार हनुमान जी का श्रृंगार, जो कि 1 किलो केसर से किया गया था। केसर, जिसे भारतीय संस्कृति में अत्यधिक पवित्र और विशेष माना जाता है, को श्री हनुमान जी के रूप में चढ़ाया गया। यह श्रृंगार न केवल हनुमान जी की दिव्यता को और बढ़ाता है, बल्कि भक्तों के लिए भी एक अमूल्य अनुभव था।

वीर अलीजा सरकार
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मंदिर परिसर को विशेष रूप से सजाया गया था, जिसमें रंग-बिरंगे फूलों, दीपों और धार्मिक ध्वजों से मंदिर को सजाया गया था। इसके अलावा, महोत्सव के दौरान श्रद्धालुओं के लिए बैठने की व्यवस्था, जलपान, और धार्मिक ग्रंथों का पाठ भी सुनिश्चित किया गया था। यह सब एक संयोजन था, जो इस आयोजन को और भी भव्य और यादगार बना देता है।

हनुमान जी का रूप और उनके साथ केसर का संयोजन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र होता है। केसर का उपयोग अक्सर पूजा अर्चना में किया जाता है, क्योंकि यह न केवल समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है, बल्कि यह मानसिक शांति और भक्ति की गहरी अनुभूति भी उत्पन्न करता है। इस आयोजन में जब 1 किलो केसर से हनुमान जी का श्रृंगार किया गया, तो वह दृश्य भक्तों के लिए एक दिव्य अनुभव बन गया। हनुमान जी के स्वरूप पर चमकते हुए केसर के लाल रंग ने एक अद्भुत आभा और भव्यता प्रदान की, जो किसी भी श्रद्धालु को मंत्रमुग्ध करने के लिए पर्याप्त था।

वितरण: 16 नवम्बर 2024 को वही केसर वितरण होगा

अन्नकूट महोत्सव के इस आयोजन में भगवान को अर्पित किए गए भोग और 1 किलो केसर से श्रृंगारित हनुमान जी की छवि को देखने के बाद, वितरण का आयोजन 16 नवम्बर 2024 को किया जाएगा, लेकिन यहां एक विशेष बात है वही केसर वितरित किया जाएगा, जिससे हनुमान जी का श्रृंगार किया गया था। यह प्रसाद न केवल श्रद्धालुओं के लिए आशीर्वाद का प्रतीक होगा, बल्कि यह भक्तों की आत्मिक शांति और भक्ति को और प्रगाढ़ करेगा।

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आध्यात्मिक दृष्टि से महोत्सव का महत्व

अन्नकूट महोत्सव न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह समाज को एकजुट करने का भी एक माध्यम है। यह एक ऐसा समय होता है, जब लोग अपने पवित्र कार्यों को भगवान के प्रति समर्पित करते हैं और एक दूसरे के साथ प्रेम और भाईचारे की भावना को प्रगाढ़ करते हैं। इस महोत्सव में भाग लेकर श्रद्धालु अपनी आस्था को नई दिशा देते हैं और अपने जीवन में भगवान की कृपा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

श्री हनुमान जी की पूजा और भक्ति को लेकर भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान है। हनुमान जी को संकटमोचन और भक्तों के संरक्षक के रूप में पूजा जाता है। अन्नकूट महोत्सव जैसे आयोजनों से भक्तों को हनुमान जी के दर्शन करने का अवसर मिलता है, और उनके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की कामना होती है।

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